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‘लोग वोट डालते हैं, लेकिन वो उम्मीदवार तक नहीं पहुंचते…’, राहुल गांधी के समर्थन में आए राज ठाकरे – raj thackeray supports rahul gandhi claims vote chori maharashtra assembly election ntc

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोपों का समर्थन

‘लोग वोट डालते हैं, लेकिन वो उम्मीदवार तक नहीं पहुंचते…’, राहुल गांधी के समर्थन में आए राज ठाकरे – raj thackeray supports rahul gandhi claims vote chori maharashtra assembly election ntc


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोपों का समर्थन किया है. पुणे में शनिवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में राज ठाकरे ने कहा कि वोटिंग में गड़बड़ी का मुद्दा नया नहीं है. उन्होंने दावा किया कि इस बारे में उन्होंने साल 2016-17 में ही चेतावनी दी थी.

राज ठाकरे ने कहा कि उस समय उन्होंने शरद पवार, सोनिया गांधी और ममता बनर्जी से मुलाकात की थी. यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई थी, लेकिन विपक्ष ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. ठाकरे बोले- मैंने तब कहा था कि लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करो. इससे यह मुद्दा दुनिया भर में सुर्खियां बनता और अंतरराष्ट्रीय दबाव बनता, लेकिन सभी पीछे हट गए. आज राहुल गांधी ने इस मुद्दे को फिर उठाया है. लोग वोट डाल रहे हैं, लेकिन वोट उम्मीदवारों तक नहीं पहुंच रहे, वो चोरी हो रहे हैं.

MNS प्रमुख ने आगे कहा कि 2014 से अब तक सरकारें इसी चुनावी गड़बड़ी का फायदा उठाकर बनी हैं. ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया और कहा- बीजेपी को 132 सीटें मिलीं, एकनाथ शिंदे को 56 और अजित पवार को 42 सीटें. इतने बड़े आंकड़ों के बावजूद ना जीतने वाले खुश थे और ना हारने वाले. क्योंकि यह पूरा मामला वोटों की गड़बड़ी का था.

राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि आने वाले निकाय चुनावों में सतर्क रहना होगा. उन्होंने निर्देश दिया कि वोटर लिस्ट पर गहराई से काम किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके.

ठाकरे ने हाल ही में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से हलफनामा लिखने को कहा, जबकि राहुल विपक्ष के नेता हैं. उसी समय बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने भी 6 सीटों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. यानी अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही चुनावी धांधली की बात कर रहे हैं. फिर भी चुनाव आयोग चुप है, क्योंकि पिछले 10-12 साल का खेल उजागर हो जाएगा.

MNS चीफ ने दो टूक कहा कि अगर वास्तव में चुनावी धांधली को बेनकाब करना है और सत्ता में आना है तो सबसे पहले मतदाता सूची को दुरुस्त करना होगा. जब तक वोटर लिस्ट ठीक नहीं होगी, तब तक जीत पाना मुश्किल है.

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